फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट में पंजीकरण को 6 महीने के लिए केंद्र सरकार ने टाला - CAIT NEWS



फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट में पंजीकरण को 6 महीने के लिए केंद्र सरकार ने टाला
देश भर में 6 करोड़ व्यापारी और आम जनता को बड़ी राहत
कैट ने स्थगन का किया स्वागत लेकिन कानून के खिलाफ जारी रहेगा संघर्ष
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देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की मांग को स्वीकार करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट को देश भर में लागू करने की तारीख को अगली 4 फ़रवरी 2015  तक के लिए बड़ा दिया गया है ! इस आशय का एक नोटिफिकेशन फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने आज जारी भी कर दिया है ! इस कानून के अंतर्गत पंजीकरण कराना अथवा लाइसेंस लेने की अंतिम तारीख 4 अगस्त,2014 थी और देश भर में इस कानून को लेकर खास तौर पर व्यापारियों में बेहद नाराज़गी और गुस्से का माहौल बना हुआ था जिसके कारण कैट पिछले दो महीने से इस तारीख को स्थगित कराने में बेहद मजबूती से जुटा हुआ था ! कैट का आरोप है की बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को देश के खाद्य व्यापार को सौंपने के लिए यह कानून लाया गया था ! 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भर्तिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस कानून को स्थगित करने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का आभार व्यक्त किया है वहीँ दूसरी और इस मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के साथ इस मुद्दे को व्यापारियों के हित में जोर शोर से उठाया, का भी आभार व्यक्त किया है !
 
इस बीच कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है की हालाकिं व्यापारियों को इस स्थगन से फौरी तौर पर एक बड़ी राहत मिली है लेकिन कानून में अनेक प्रकार के अव्यवहारिक प्रावधान और विसंगतियों के कारण व्यापारियों और अन्य वर्गों पर इस कानून की तलवार अभी भी लटकी हुई है और जब तक इसमें व्यापारियों के अनुकूल संशोधन नहीं हो जाते तब तक देश भर के व्यापारियों का संघर्ष जारी रहेगा !

दोनों व्यापारी नेताओं ने  डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया है की इस कानून को स्थगित करते हुए व इसकी पेचीदगियों और अव्यवाहरिक पहलुओं को देखते हुए वो इस कानून और इसके नियमों का गहराई से अध्ययन करने व् सरकार को उपयुक्त सिफारिशें देने के लिए एक उच्च स्तरीय संयुक्त समिति तुरंत गठित करें जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारीयों एवं कैट के प्रतिनिधि शामिल हों ऐसी जानकारी कैट के नेशनल गवर्निंग कौंसिल मेंबर संदीप भंडारी ने की।
 श्री भंडारी ने बताया की फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट के अनेक नियम एवं उपनियमों का गत वर्ष 2011 से देश भर में व्यापारी संगठनों द्वारा जबरदस्त विरोध किया जा रहा है क्योंकि यह क़ानून पूर्ण रूप से विदेशी कम्पनियों के व्यापार करने के तौर तरीकों को ध्यान में रख कर बनाया गया है और देश भर में डिब्बाबंद खाद्य व्यापार को बढावा देगा ! कानून में अनेक प्रावधान ऐसे है जिनका पालन करना खाद्ध्यान सहित अनेक वर्गों के लिए बहुत मुश्किल है !
संदीप भंडारी ने कहा की इस कानून के अंतर्गत ऐसा कोई भी फ़ूड बिज़नस ऑपरेटर जिसका मतलब ऐसा कोई भी संस्थान जो लाभ अथवा बिना लाभ के चाहे सार्वजानिक हो या निजी हो और किसी भी खाद्य सामग्री के निर्माण, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, आयत, खाद्य पदार्थ का वितरण, किसी भी प्रकार की खाद्य सेवा को खाद्य पदार्थ की बिक्री माना गया है और ऐसे सभी लोग फ़ूड बिज़नस ऑपरेटर होंगे जिन्हें हर हालत में विभाग से रजिस्ट्रेशन करना एवं लाइसेंस लेना अनिवार्य है !
व्यापारी नेताओं ने बताया की इस कानून के नियम एवं उपनियमों के आधार पर न केवल खाद्य का व्यापार करने वाले लोग बल्कि आम आदमी भी जब किसी कार्यक्रम एवं समारोह में कोई भी खाद्य पदार्थ परोसता है उसको भी लाइसेंस लेना जरूरी है मंदिरों में बिकने वाला प्रसाद, गुरुद्वारों में लगने वाले लंगर, शादी एवं अन्य किसी भी प्रकार केसामजिक अथवा अन्य समारोह, कांफ्रेंस  ,सेमिनार,रेहड़ी पटरी पर अपना व्यापार चलाने वाले लोग भी इस कानून को मानने पर बाध्य होंगे और जरा भी कमी रहने पर बड़ी सजा के रूप में जुरमाना और जेल में जाना भी  के भागीदार होंगे ! इसलिए इस कानून के हर प्रावधान पर बेहद गम्भीर चर्चा की जरूयत है

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